SBI ने जारी की रिपोर्ट, कब मिलेगी महंगाई से राहत?

SBI report

महंगाई को कम करने के लिए जारी RBI और सरकार का संघर्ष इस साल सफल होता नज़र नहीं आ रहा. खासकर खादी महंगाई दर तो policy makers के तमाम जतन को fail करने में जुट गई है. एक तरफ आम जनता जहां महंगाई में नरमी क्यों उम्मीद कर रही है. तो वहीं ब्याज दरों में कमी के लिए RBI को भी इसके कम होने का इंतज़ार है. देश के विकास दर में तेज बढ़ोत्तरी के लिए ब्याज दरों को घटाना होगा, जिसके लिए महंगाई का घटना बेहद ज़रूरी है। लेकिन ना तो प्रकृति महंगाई दर को घटाने में मदद कर रही है और ना ही भू राजनीतिक हालात इससे कम होने दे रहे हैं. ऐसे में देश में महंगाई दर को लेकर भारतीय State Bank research report में दावा किया गया है कि फ़िलहाल आम जनता को महंगाई से राहत नहीं मिलेगी. SBI का कहना है कि साल दो हज़ार चौबीस पच्चीस में महंगाई दर पांच फीसदी के आसपास रह सकती है. हालांकि सितंबर और October में महंगाई से हल्की राहत मिलने की उम्मीद SBI की report में जताई गई है।SBI की report के मुताबिक महंगाईदर को घटाने के रास्ते का सबसे बड़ा villain खाद्य महंगा इधर है, जिसमें monsoon ने भी मुसीबत को बढ़ाते हुए खानपान की चीज़ों को ज़्यादा महंगा कर दिया है।

भारी बारिश की वजह से फ़सल बर्बाद हुई है. और transportation पर भी असर हुआ है. हालांकि बेहतर monsoon के बाद हालात में सुधार का अनुमान है क्योंकि देश में कुल महंगाई दर को घटाने में इसका बड़ा role रहेगा. SBI की report में कहा गया है कि अब तक monsoon दो फीसदी के surplus के साथ आगे बढ़ रहा है. खरीफ फसलों के क्षेत्र में भी दो दशमलव नौ फीसदी की growth देखने को मिल रही है।
ऐसे में कुल मिलाकर महंगाई दर दो हज़ार चौबीस पच्चीस में RBI के लक्ष्य के भीतर रहेगी. यह RBI के comfort zone दो से छह फीसदी के beach तो रहेगी लेकिन इसमें यह पांच percent पर रहकर उच्च स्तर के करीब रहेगी. जो ब्याज दरों को घटाने की गुंजाइश नहीं देगा. इसकी वजह खादी महंगाई इधर है जो June में नौ दशमलव तीन छह फीसदी रही थी. June में मौसम के pattern में आए भारी बदलावों ने heat wave को बढ़ा दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *