BSNL 4G, 5G के बिना Jio, Airtel, Vi से टेलीकॉम मार्केट की कैसे जीतेगी जंग ?

BSNL
Private telecom companies ने अपने recharge plans पच्चीस फीसदी तक महंगे थे. इससे आमजनता की जेब पर बड़ा बोझ पड़ गया. जहां तीन July से Jio और Airtel के नए plan लागू हो गए हैं.
telecom companies
वहीं चार July से Vodafone के नए plan भी लागू हो गए हैं और महंगाई किस चौतरफा, मार्ग में लोग BSNL की तरफ एक उम्मीद से देख रहे हैं. लेकिन बाज़ार की यह जंग बेसल आखिर जीतेगी कैसे? बेसल employees union ने एक चुटकी जारी की पूरा मामला आपको समझाते हैं इस video में. नमस्कार आप देख रहे हैं बिस्तर पर और मैं हूं श्रेया ठाकुर. BSP और कर्मचारी संग ने मंगलवार को कहा कि public sector की company BSNL ने 4G और 5G सेवाओं के अभाव में private sector के telecom operators के साथ compete करने में असमर्थ है|
इसलिए service provider पर tariff बढ़ाने पर कोई रोक नहीं है. Based all employees union ने केंद्र संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर पत्र में कहा कि private telecom operator Reliance Jio और भारतीय Airtel द्वारा हाल ही में की गई tariff hike अनुचित है क्योंकि वे profitable companies हैं already. Letter में यह भी कहा गया कि इससे पहले BSNL से टक्कर मिलने के कारण private companies अपनी मनमानी नहीं कर सकते थे|
हालांकि अब तस्वीर बदल गई है कि national आज तक अपनी 4 to 5 G सेवाएं शुरू नहीं कर पाया है जिसके कारण निजी operatorओं के साथ compete करने में असमर्थ है और इस तरह उनकी मनमानी charific को रोक नहीं पा रहा. Jung ने लगभग ढाई साल के अंतराल के बाद statues बढ़ाया जो कि Airtel और Vodafone ने डेढ़ साल के अंदर ही entry level tariff बढ़ाएं हैं|
अब union ने कहा कि telecom operatorओं का यह दावा भ्रामक है कि tariff में बढ़ोतरी ARPU बढ़ाने के लिए की गई है. निजी companyयां यानी private companies के लिए अपने tariff में उतनी बढ़ोतरी करने का कोई कारण नहीं है और यह ध्यान रखना ज़रूर है कि Reliance Jio ने दो हज़ार तेईस चौबीस में बीस हज़ार छह सौ सात करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है और Airtel ने इसी दौरान सात हज़ार चार सौ सड़सठ करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है|
इसलिए इतनी ज़्यादा tariff hike जो आम लोगों को नुकसान पहुंच जाएगी पूरी तरह से अनुचित है. Union ने कहा कि 4 g और 5 g सेवा के अभाव में सरकारी company ग्राहकों को खो रही है जबकि निजी operator Reliance Jio और Airtel नई ग्राहक जोड़ पा रही है. BSNL union ने कहा कि सरकार द्वारा BSNL को अपने मौजूदा 3 GBTS को 4GBTS में upgrade करने की अनुमति नहीं देनी और global विक्रेताओं से 4 g उपकरण खरीदने से रोकने के निर्णय से company को बड़ा नुकसान पहुंचा है|

Letter में यह भी कहा गया कि BSNL को Reliance Jio और Airtel के सामान Nokia, Erixon और Samsung जैसे global विक्रेताओं से फौजो के करण खरीदने पर रोक लगा दी गई है. इसके बजाय BSNL को अपने फौजो के करण केवल स्वदेशी उपकरण निर्माता उसे खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है जिससे BSNL की 4G के साथ साथ 5G सेवा शुरू करने में काफी देरी हुई है. Union ने यह भी कहा कि पूर्व दूरसंचार मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मई दो हज़ार तेईस में कहा था कि BSNL कुछ हफ्तों में अपनी 4G सेवा शुरू कर देंगे और December तक इसे 5G में अपग्रेड कर दिया जाएगा. लेकिन अभी तक  यह company 4G सेवा शुरू नहीं कर पाई है और 5G तो दूर की बात है, अभी BSNL के सामने दो बड़ी चुनौतियां है,

Market share of telecom companies

पहला BSNL को अपने market share को बढ़ाने की ज़रूरत है. मौजूदा समय में BSNL देश की चौथी बड़ी telecom company है और TRIA के आंकड़ों के मुताबिक अगर आप देखें तो Jio का चालीस दशमलव तीन फीसदी share है. जबकि Airtel का तैंतीस दशमलव एक फीसदी और Vodafone Idea का अठारह दशमलव आठ फीसदी का share है और वही BSNL का सात दशमलव चार छह फीसदी market share है. अगर lower price telecom ग्राहकों पर vessel focus करें तो company का revival हो सकता है| वह service में सुधार और दूसरा जल्द से जल्द 5 g service की शुरुआत इन दो पहलुओं पर company तेजी से काम करें तो वह दिन दूर नहीं जब भी असल फिर से उठ खड़ी होगी लेकिन union का यह letter कब सरकार सुनती है और जल्द से जल्द कदम इस मामले में कब उठाए जाते हैं वह देखने वाली बात होगी|

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