Anil Ambani, Jindal जैसे कारोबारी नहीं चुका पा रहे लोन, Banks ने माफ कर दिए हजारों करोड़

आम आदमी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लेते हैं लोन चुकाने के लिए हर महीने किट भी भरते हैं लेकिन कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं कि लोगों के लिए लोन की रकम दे पाना मुश्किल हो जाता है अगर आम आदमी लोन की कि ना चुका पाए तो बैंक तुरंत सख्त कारवाई शुरू कर देते हैं नोटिस जारी करने से लेकर कलेक्शन एजेंट कानूनी कारवाई और संपत्ति जपती तक लेकिन बड़े उद्योगपतियों के मामले में बात अलग है अनिल अंबानी जिंदल और जयप्रकाश जैसे उद्योगपति लोन की रकम को चुका नहीं पा रहे हैं लेकिन इन उद्योगपतियों के करोड़ों रुपए के लोन बैंकों ने माफ कर दिए हैं जी हां सही सुना आपने मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 10 साल में बैंकों ने 12 लाख करोड़ रुपए के लोन माफ किए हैं लोन माफ करने में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई सबसे आगे है इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि बैंकों ने कौन कौन से उद्योगपतियों के कितने लोन माफ किए हैं वीडियो को लास्ट तक जरूर देखिएगा देश के कई दिग्गज उद्योगपति लोन की रकम को नहीं चुका पा रहे हैं इसका सीधा असर बैंकों पर पड़ रहा है बैंकों पर बोझ बढ़ रहा है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित वर्ष 2015 से लेकर वित्त वर्ष 2024 के बीच बैंकों ने कुल 12.3 लाख करोड़ रुपए के लोन माफ किए हैं संसद में पूछे गए सवालों के जवाब में सरकार ने जानकारी दी है सरकार की ओर से महाया कराए गए डाटा के मुताबिक इनमें से 53 फीसद या 6.5 लाख करोड़ रपए पिछले पा वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने माफ किए हैं पिछले 10 सालों में बैंकों ने 12 लाख करोड़ का लोन माफ कर दिया है पिछले 5 साल में कर्ज की माफी की आधे से ज्यादा रकम सरकारी बैंकों की है लोन माफ करने में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई सबसे आगे रहा है एक रिपोर्ट के मुताबिक टॉप 100 डिफॉल्टर के पास कुल एनपीए का 43 फीस हिस्सा है लोन नहीं चुका पाने वालों में अनिल अंबानी की कंपनी लाय कम्युनिकेशन लिमिटेड भी शामिल है साथ ही इसमें जिंदल और जेपी ग्रुप की कंपनियां भी शामिल है बात करें बैंकों की ओर से माफ किए गए लोन के बारे में तो बैंकों की ओर से लोन माफ किए जाने की दर वित्त वर्ष 2019 में 2.4 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह 1.7 लाख करोड़ के सबसे निचले स्तर पर आ गई थी उस समय बकाया कुल बैंक लोन का करीब 165 लाख करोड़ का केवल 1 फीसद था सरकारी बैंकों के पास मौजूदा समय में कुल लोन का 51 फीदी हिस्सा है जो वित वर्ष 2023 के 54 फी से कम है एनपीए के मामले में भी सरकारी बैंक आगे हैं आंकड़ों के मुताबिक 30 सितंबर 204 तक सरकारी बैंकों का एनपीए 31331 करोड़ और प्राइवेट बैंकों का एनपीए 13339 करोड़ था जिन बैंकों ने लोन माफ किया है रकम के हिसाब से उनमें एसबीआई आगे है एसबीआई ने इन पांच वर्षों में करीब ढ़ लाख करोड़ रुपए के लोन माफ किए हैं दूसरे नंबर पर पंजाब नेशनल बैंक है जबकि तीसरे नंबर पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया चौथे पर स्टेट बैंक ऑफ बड़ौदा और पांचवें पर बैंक ऑफ इंडिया है इतना ही नहीं लोन की रकम को बट्टे खाते में डालने के मामले में भी सरकारी बैंक काफी आगे हैं एसबीआई ने इन पाच वर्षों में करीब 2 लाख करोड़ रुपए बट्टे खाते में डाले जबकि पंजाब नेशनल बैंक ने 44700 2 करोड़ के लोन बट्टे खाते में डाले चालू वित्तवर्ष के दौरान सितंबर के अंत तक सरकारी बैंकों ने पिछले पाच वर्षों के 65 लाख करोड़ रुप के मुकाबले 42000 करोड़ के लोन बट्टे खाते में डाले हैं अब आपको बताते हैं लोन कब माफ होता है आरबीआई के दिशा निर्देशों और बैंकों के बोर्ड की ओर से स्वीकृति नीति के मुताबिक 4 साल पूरे होने पर एनपीओ को राइट ऑफ करते हैं इस तरह के राइट ऑफ से उधार कर्ताओं की देनदारी की छूट नहीं मिलती है इससे उधार कर्ताओं को कोई लाभ नहीं होता है और बैंक इन खातों में शुरू की गई वसूली कारवाई जारी रखते हैं कुल मिलाकर आम आदमी अगर छोटे से लोन की ना चुका पाए तो बैंक सख्त कारवाही करने से और लोन की रकम वसूलने में पीछे नहीं हटते हैं जबकि बड़े उद्योगपतियों के मामले में करोड़ों रुपए के लोन माफ हुए हैं।

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