SEBI का बड़ा फैसला, अब तेज़ी से होगी Retail निवेशकों की कमाई

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने रिटेल निवेशकों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है दरअसल SEBI ने एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग यानी एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव दे दिया है यह टेक्नीक कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए ट्रेडिंग को तेज सस्ता और ट्रांसपेरेंट बनाएगी अब तक ये सुविधा केवल संस्थागत निवेशकों को मिलती थी लेकिन सेबी ने अब इसे रिटेल निवेशकों के लिए भी उपलब्ध कराने का फैसला किया है जिसके बाद बाजार में ट्रेडिंग करने के तरीकों में काफी बदलाव देखा जाएगा क्या होगा यह बदलाव हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में बताने जा रहे हैं रिटेल निवेशकों के लिए एल्गो ट्रेडिंग कितनी फायदेमंद या इसके कितने नुकसान हो सकते हैं यह सब कुछ चलिए इस रिपोर्ट में समझते हैं एल्गो ट्रेडिंग का इस्तेमाल करके निवेशक तेजी से बाय और सेल की प्रोसेस को अपना सकते हैं ऐसा माना जा रहा है इससे बाजार में लेनदेन आसान हो जाएगा और लिक्विडिटी बढ़ जाएगी सेबी का कहना है कि यह जो सुविधा है यह रिटेल निवेशकों को सुरक्षा और सही नियमों के साथ दी जाएगी और बाजार के जानकार भी यह उम्मीद कर रहे हैं कि एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग का ऑटोमेटेड सिस्टम और डेटा ड्रिवन स्ट्रेटेजी की तलाश करने वाले ज्यादा टैक्स सेवी रिटेल इन्वेस्टर्स को आकर्षित कर सकता है यानी एल्गो ट्रेडिंग से टेक्स एवी रिटेल इन्वेस्टर्स अट्रैक्ट हो सकते हैं उनको बेनिफिट हो सकता है सेबी ने डिस्कशन पेपर में एपीआई यानी एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस का जिक्र किया है जो सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के बीच कम्युनिकेशन का एक्सेस देगा लेकिन यह सब कुछ तो सेबी का कहना है यह सब कुछ तो मार्केट के जानकारों का कहना है अब बात आती है रिटेल निवेशिकों की रिटेल निवेशकों के लिए एल्गो ट्रेडिंग किस तरीके से फायदेमंद हो सकती है व हम समझेंगे लेकिन पहले आप समझ लीजिए कि आखिर एल्गो ट्रेडिंग होती क्या है एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग यानी एल्गो ट्रेडिंग एक टेक्नीक है जिसमें कंप्यूटर द्वारा ऑटोमेटिक ट्रेड की जाती है जो विशेष एल्गोरिथम पर आधारित होती है यह एल्गोरिथम बाजार के डाटा जैसे कीमतें और वॉल्यूम का एक विश्लेषण करके व्यापार करते हैं यानी बिजनेस करते हैं इसका मुख्य उद्देश्य होता है तेजी से और बिना किसी ह्यूमन इंटरफेरेंस के बिजनेस करना एल्गो ट्रेडिंग से डिसीजन लेने की स्पीड बढ़ती है और ह्यूमन एरर के चांसेस कम हो जाते हैं यह हाई स्पीड बिजनेस बाजार के ट्रिगर्स और छोटे प्रॉफिट को प्राप्त करने में मदद करता है हालांकि इसमें प्रोग्रामिंग एरर और लिक्विडिटी का जोखिम भी हो सकता है चलिए अब समझते हैं कि इससे निवेशकों को क्या फायदा होगा सेबी ने रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए एल्गो ट्रेडिंग को इंट्रोड्यूस करने की बात कही है तो एल्गो ट्रेडिंग के लिए सेबी ने जो प्रस्ताव दिया उसके मुताबिक एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा रिटेल निवेशकों को स्टॉक ब्रोकर्स के जरिए दी जाएगी इसके लिए ब्रोकर्स को पहले स्टॉक एक्सचेंज से अनुमति लेनी होगी ट्रेडिंग में हर लेनदेन को स्टॉक एक्सचेंज की ओर से दिए गए यूनिक आइडेंटिफिकेशन में किसी भी तरह के बदलाव के लिए एक्सचेंज से अनुमति लेनी होगी रिटेल इन्वेस्टर्स को इससे क्या फायदा होगा देखिए यह प्रोसेस जो है वह तेजी से डिसीजन लेने की और बिजनेस की स्पीड को बढ़ाने के लिए ह्यूमन एरर्स को कम करने की के लिए मदद करती है तो रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए एल्गो ट्रेडिंग के कई फायदे हो सकते हैं जैसे हमने आपको बताया तेजी से निर्णय लेना डिसीजन में तेजी लाना एल्गो ट्रेडिंग तेजी से और सटीक तरीके से बाजार की स्थिति का विश्लेषण कर लेता है इसे रिटेल निवेशक तेजी से अपना डिसीजन बना सकेंगे जिससे कि संभावित मौकों को पकड़ने में मदद मिलेगी यानी आपको फियर ऑफ मिसिंग आउट जिसे फोमो कहा जाता है वो ना हो इसकी पूरी कोशिश है एल्गोरिदम का इस्तेमाल करने से बिजनेस की लागत कम हो जाती है क्योंकि यह ऑटोमेटिक होता है इसमें ह्यूमन इंटरफेरेंस की जरूरत नहीं होती इससे निवेशिकों को कम ट्रांजैक्शन फीस और दूसरे खर्चों में भी बचत हो जाएगी अब आते हैं एल्गो ट्रेडिंग के अगले फायदे पर यह एल्गो ट्रेडिंग 247 काम करती है बाजार की स्थिति को लगातार ट्रैक करेगा एल्गो ट्रेडिंग के जरिए एक रिटेल निवेशक यह किसी भी समय बाजार में बदलाव पर प्रतिक्रिया कर सकती है जो रिटेल निवेशिकों के लिए मुनाफे के जो जो अपॉर्चुनिटी है उसको बढ़ा सकता है रिस्क मैनेजमेंट भी इसका एक बहुत बड़ा फायदा है एल्गो रीटेल निवेशकों के और रिस्क मैनेजमेंट में मदद कर सकता है जैसे कि स्टॉप लॉस के ऑर्डर्स को सेट करना या पोर्टफोलियो को बेहतर तरीके से डायवर्सिफाई करना इससे निवेशकों के नुकसान को सीमित किया जा सकता है उसको लिमिट किया जा सकता है रिटेल निवेशक अपनी ट्रेडिंग रणनीतियों को ऑटोमेटिक लागू कर सकते हैं एल्गो ट्रेडिंग के जरिए जिससे उन्हें हर समय बाजार के निगरानी नहीं करनी पड़ेगी यह समय की बचत करेगा और निवेशकों को अपने बिजनेस पर ज्यादा कंट्रोल देगा हालांकि यह तो हमने आपको बताया कि एल्गो ट्रेडिंग के क्या फायदे होते हैं अब एक नजर इन पर भी डाल लीजिए कि अगर एल्गो ट्रेडिंग इंट्रोड्यूस हो रही है रिटेल निवेशकों के लिए तो इसके कितने जोखिम हो सकते हैं क्योंकि रिटेल निवेशकों के लिए कई तरीके से फायदेमंद है लेकिन इसके साथ कुछ खास जोखिम भी जुड़े होते हैं यह जोखिम रिटेल निवेशिकों के लिए विशेष रूप से इंपॉर्टेंट है जा ने सिस्टम की विफलता यानी अगर सिस्टम में कोई खराबी आती है उससे अचानक नुकसान हो सकता है रिटेल निवेशकों को फिर आते हैं ओवर ऑप्टिमाइजेशन पर क्योंकि इसके कारण एल्गोरिदम एक्चुअल बाजार की स्थितियों में सही तरीके से काम नहीं कर पाएगा जिससे नुकसान के बहुत चांसेस हो जाते हैं बाजार में अचानक हुए बदलाव जैसे कोई इकोनॉमिक क्राइसिस आ जाना कोई नेचुरल कैलेमिटी होना या कि कोई भी बड़ी घटना एल्गोरिदम को गलत दिशा में ले जा सकती है है जिससे निवेशकों का रिटेल इन्वेस्टर्स का भारी नुकसान हो सकता है बाजार में आर्टिफिशियल प्राइसेस में उतार चढ़ाव हो सकते हैं जो छोटे निवेशकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं कुछ एल्गोरिथम स्मॉल या मीडियम आकार के बाजारों में ट्रेड करते हैं जहां पर पर्याप्त लिक्विडिटी नहीं होती है यह भी रिटेल निवेशकों के लिए एक बड़ी चिंता की वजह है तो एल्गो ट्रेडिंग तो इंट्रोड्यूस कर दिया गया है रिटेल निवेशकों के लिए सेबी ने एक बड़ा फैसला ले लिया है लेकिन अब इस फैसले का असर डिटेल निवेशकों पर कैसे पड़ता है यह सब कुछ अब आने वाले समय में तस्वीर साफ होती नजर आएगी।